Priyanka06

Add To collaction

लेखनी मंथ प्रतियोगिता -20-Dec-2022 क्यू बेटियां इंतिहान देती हैं

शीर्षक-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है

विषय- औरत का जीवन -कसौटी पर
विधा- गीत
क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

जब तक रहता जीवन,
कसोटियो पर चलती है,
हर कदम कदम पर,
जीवन को परखती है।

क्यू बेटियां इम्तिहान देती है? 

मां की मैं नन्ही परी,
पिता की में लाडली,
संस्कारों से मुझको जड़ी,
सब कुछ चुपचाप सहती।

क्यू बेटियां इम्तिहान देती है

जब तक मां बाप के घर रही,
नियमों की लकीरों में खड़ी,
संस्कारों की दीवारे बनी,
चुपचाप मुंह को सीले पालन करती।

क्यू बेटियां इम्तिहान देती है

हंस हंस कर झेल जाती,
पिता की हर बात मानती,
बिना सोचे हर पल मुस्कुराती,
पिता के नियमो में सपने सजाती।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

बेटो पर करते नाज,
नियम का ना होता है ताज,
दोनों खिले एक आंगन में,
फिर क्यों करते भेदभाव।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

जैसे हुई बेटी बड़ी,
शादी के चिंता लगी,
ढूंढने लगे हैं वर,
बेटी को समझते पराया धन।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है

आंखों में आंसू छुपा कर,
सपनों को दिल में दबाकर,
पिता की बातें, मान लेती ....चुपचाप
दिल पर रखकर पत्थर ,सहजाती.... सब बात।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

नियमों की जंजीरें हमें बांधे,
पिता की सहमी थी आंखें,
देखे जो लड़के, हो गए हम उनके,
अपने सपनों को छोड़े अधूरे।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

सात फेरों से बंधकर,
डोली में बैठकर,
पिता के आंगन से, चल दिए हम...
छोड़ गए, अपने सपने यहीं पर।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

मां की लेकर सीख,
मुंह को करके सील,
ससुराल की चली दहलीज,
घर प्रवेश करती, बन गई... वो बहू।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

नई दुनिया सजी,
पुरानी यादे सताती,
फिर भी कुछ ना कह पाती,
आंखों में आंसू छुपाती।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

सास ससुर के ताने सुनकर,
आंखें भर आई,
देवर नंद की सुनकर बातें,
मन को छलनी कर जाते।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

मन में सवालों की फुलझड़ियां जली,
कैसी ये रीति रिवाज बनी,
बेटी क्यू बहू बनती,
मायके  में क्यू ना रहती।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

शादी से पहले पिता के नियम की लकीरे होती
ससुराल में रीति-रिवाजों की जंजीरें होती,
पति का साया, बन जाता छत्रछाया,
बेटियो को कसोटी पर क्यों चलना पड़ता।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

जब बनी वो मां, दुख दर्द भूल गई,
 बच्चों की परवरिश में खो गई,
घर परिवार को सवारने लग गई,
हर गम में मुस्कुराना सीख गई,
अपने अस्तित्व को भूलती चली गई,
जिंदगी को हंसकर काट लेती है बेटियां।


-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

कुछ ख्वाब हुए पूरे,
कुछ रह गई अधूरे,
जिंदगी से मुख मोड़ा,
रिश्तो से टूटा नाता

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

बंद हो गई आंखें, कभी ना उठेगी वो,
सुकून की आंखें बंद कर गई वो,
ना कोई चिंता, ना कोई डर,
आराम से  हमेशा के लिए सोई,
कभी ना उठेगी रह गई कहानी अधूरी।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

जब लेटी थी शैया पर,
सुना रहे थे बातें, मेरे जनाजे में,
कोई बोले भला ,कोई बोले बुरा,
अब मुझको कोई फर्क नहीं पड़ता।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

अब   लौटकर नहीं आऊंगी
कुछ नहीं बोलूंगी, ना ही कहूंगी,
फिर क्यों बातें लोग बनाते ,
जिंदगी की कसौटी पर हमको परखते।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

अब मेरे पीछे से सब को बताते,
 बहु थी प्यारी, घर को संभाली,
परिवार की बगिया बनाई,
अब लौट कर आजा ओ बहु रानी,
खत्म हो गई तेरे बगैर कहानी।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है?

अब कौन सुनेगा, जब तक थी सांसे,
हर रोज सुनाती थी ताने,
कसौटियों पर हमेशा चलती थी,
अब नहीं रही मैं तो खत्म हुई कहानी।
जिंदगी की अंतिम यात्रा पर चली।

-क्यू बेटियां इम्तिहान देती है
























   5
3 Comments

Kavita Jha

15-Jan-2023 09:33 AM

भावपूर्ण कविता औरत जीवन के हर पहलू को छूती

Reply

Swati chourasia

09-Jan-2023 02:39 PM

बहुत ही सुंदर रचना 👌👌

Reply

Mahendra Bhatt

20-Dec-2022 06:19 PM

बहुत खूब

Reply